भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष के बीच छिड़ी जंग

एक दूसरे को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए नेतृत्व को लिखा पत्र

। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व जहां 2024 में विरोधियों से निपटने की तैयारी में लगी है वहीं अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों में आपस में जंग छिड़ गयी है। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक दूसरे के खिलाफ एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बाशित अली को हटाने की मांग की। वहीं कुंवर बासित अली ने भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को हटाने की मांग कर दी। दोनों पदाधिकारियों के पत्र पर पार्टी नेतृत्व क्या निर्णय लेता है, यह तो पार्टी नेतृत्व जाने लेकिन इस पत्र से साफ जाहिर होता है कि पार्टी के नेताओं में आपसी समन्वय का घोर अभाव है। यही नहीं, इससे अनुशासनहीनता भी झलकती है।

अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भूपेन्द्र चौधरी को लिखे पत्र में कहा कि कुंवर बासित अली का व्यवहार राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं के साथ अशोभनीय है। पसमांदा स्नेह यात्रा की तैयारी के सिलसिले में मेरा अनुभव कटु रहा है। कई बैठकों में उन्हें बुलाया गया लेकिन वह नहीं आये तब बैठक में उन्हें बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आए। इसके बाद संगठन महामंत्री को फोन करहमने इसकी जानकारी दी। बाद में प्रदेश महामंत्री संगठन के कहने पर वह बैठक में आए लेकिन इस बात से वह नाराज थे कि उन्होंने मेरी शिकायत क्यों की?

वहीं अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को हटाने की मांग की। कुंवर बासित अली ने आरोप लगाया है कि मेरा मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।