विभाग की उदासीनता के चलते खाद्य पदार्थ में हो रही मिलावटखोरी

जनपद में मिलावटी सामग्री से तैयार पदार्थ दुकानों पर खुलेआम बिक रहे हैं। नगर व ग्रामीण क्षेत्र में मिलावटी सामग्री से बनी मिठाई व दूध ,दही ,मावा, पनीर समेत अन्य खाद्य पदार्थ धल्लडे़ से बेचे जा रहे हैं । यही नहीं नामी ग्रामीण कंपनियों के लेवल लगे सैकड़ो नकली प्रोडक्ट देखने से मासूमों की जानवर खतरा बना हुआ है । नकली खाद्य पदार्थों के अलावा सड़े गले फल बड़ी मात्रा में बेचे जा रहे हैं । फूड विभाग की उदासीनता के चलते यह कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। चीफ फूड इंस्पेक्टर तथा क्षेत्रीय खाद्य निरीक्षक मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों से दूरियां बनाये रहते हैं ।

चर्चा है फूड विभाग द्वारा बाहरी व्यक्ति दुकानदारों से वसूली के लिए नियुक्त किए हुए हैं जो प्रतिमाह वसूली कर उन तक पहुंचा देते हैं। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदारों से विभाग के आदमी बड़ी संख्या में अवैध वसूली करते हैं। दुकानदारों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया की फूड विभाग को हर महीना भेंट दी जाती है । महीना लेने के लिए प्राइवेट व्यक्ति नियुक्त है ।

दूध तथा दूध से बने पदार्थों में बड़े स्तर से मिलावट खोरी खुलेआम की जा रही है । मावा पनीर व मिठाइयां बड़ी मात्रा में मिलावटी तैयार कर बेची जा रही है । कार्रवाई के नाम पर विभाग द्वारा समय-समय पर सैंपल लेकर खानापूर्ति कर दी जाती है। सैंपल फेल आने पर जुर्माना तक होने में विभाग की भूमिका रहती है । कुल मिलाकर मिलावट करी को रोकने के लिए बनाया गया यह विभाग नाकारा सिद्ध हो रहा है ।