फैल रहा है डेंगू , लगवा सकते हैं टीका जाने कैसे

डेंगू का बुखार एजिप्टी एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। हालांकि बच्चे में डेंगू के लक्षण पेरेंट्स जल्दी पहचान नहीं पाते हैं। बच्चों में डेंगू के लक्षणों पर ध्यान न देना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कुछ गलतियां होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।

बारिश के मौसम में वेक्टर जनित बीमारियां की संभावना अधिक बढ़ जाती है। बारिश के मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। बच्चों में इन बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। बता दें कि डेंगू का बुखार एजिप्टी एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। हालांकि बच्चे में डेंगू के लक्षण पेरेंट्स जल्दी पहचान नहीं पाते हैं। इस संक्रमण में सबसे पहले बुखार आता है। फिर धीरे-धीर परेशानियां बढ़ने लगती है। डेंगू संक्रमण के लक्षण 3-4 दिन बाद गंभीर होने लगते हैं। बच्चों में डेंगू के लक्षणों पर ध्यान न देना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कुछ गलतियां होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर होती है। जिसकी वजह से उनका संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिर रहता है। ऐसे में अगर बच्चों में डेंगू के लक्षणों की पहचान शुरूआती दिनों में करने और समय पर सही इलाज मिलने पर यह संक्रमण जानलेवा नहीं होता है। लेकिन ज्यादातर पेरेंट्स सही समय पर बच्चों में डेंगू के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं। शुरूआत में ही देखभाल करने से इसका खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इस बीमारी में मरीज की प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगती हैं।

डेंगू के लक्षण

आमतौर पर डेंगू के बुखार में फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। डेंगू संक्रमण होने पर मांसपेशियों और शरीर में दर्द होता है। वहीं बच्चे इस परेशानी को सही से व्यक्त नहीं कर पाते हैं और पेरेंट्स इन्हें सामान्य फ्लू समझ लेते हैं। ऐसी करना बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए डेंगू के इन लक्षणों के दिखते ही फौरन जांच करवानी चाहिए।

 

नाक और मसूड़ों से खून आना

शरीर में दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी

तेज बुखार और शरीर का तापमान बढ़ना

उल्टी और दस्त की समस्या

भूख में कमी और खराब पाचन

बच्चों में चिड़चिड़ापन

शरीर पर चकत्ते और दाने

तेजी से सांस लेना

 

डेंगू बुखार का इलाज कैसे किया जाता है?

ऐसी कोई दवा नहीं है जो डेंगू बुखार का इलाज करती हो। आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपको सुझाव देगा कि आप अपने लक्षणों को कैसे प्रबंधित करें और आपको ईआर के पास कब और कब जाना चाहिए।

मैं डेंगू बुखार के लक्षणों का प्रबंधन कैसे करूँ?

अपने लक्षणों को प्रबंधित करना ही डेंगू बुखार के इलाज का एकमात्र तरीका है। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की सिफारिशों का पालन करें, जिसमें शामिल हो सकते हैं:

  • खूब सारा पानी और तरल पदार्थ पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें।
  • जितना संभव हो उतना आराम करना।
  • दर्द का इलाज केवल एसिटामिनोफेन (जैसे टाइलेनॉल®) से करें ।
  • इबुप्रोफेन (जैसे एडविल®) या एस्पिरिन  लें । इससे आपके जीवन को खतरे में डालने वाले आंतरिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है।
  • डेंगू बुखार के खतरे को कैसे कम कर सकता हूँ?

    डेंगू से खुद को बचाने के दो मुख्य तरीके हैं मच्छर के काटने से बचना और टीकाकरण।

    मच्छर से सुरक्षा

    डेंगू बुखार के खतरे को कम करने का सबसे अच्छा तरीका खुद को मच्छरों के काटने से बचाना है:

    • ईपीए-पंजीकृत कीट प्रतिरोधी का उपयोग करें जिसमें 20% से 30% डीईईटी या एडीज मच्छरों को दूर रखने में मदद करने वाले अन्य तत्व शामिल हों।
    • बाहर खुली त्वचा को ढकें, खासकर रात में जब मच्छरों के आसपास होने की अधिक संभावना होती है।
    • जमा पानी हटा दें (बाल्टी या बैरल, पक्षी स्नानघर, पुराने टायर जिनमें बारिश का पानी जमा हो सकता है) और निचले स्थानों को भरें जहां पानी जमा हो सकता है।
    • स्क्रीन में छेद की मरम्मत करके और यदि संभव हो तो खिड़कियां और दरवाजे बंद करके मच्छरों को अपने घर से बाहर रखें।
    • उन क्षेत्रों में जहां डेंगू आम है, रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें।
    • यदि आप गर्भवती हैं, तो यदि संभव हो तो उन क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें जहां डेंगू आम है।
    • यात्रा करते समय, जाने से पहले यह समझने के लिए सीडीसी से जांच अवश्य कर लें कि आपके गंतव्य पर कोई बीमारी का प्रकोप तो नहीं है।

    डेंगू का टीका

    डेंगू वैक्सीन (डेंगवैक्सिया™) की सिफारिश केवल तभी की जाती है जब आपको पहले भी डेंगू हो चुका हो। यदि आपको भविष्य में डेंगू वायरस का एक अलग संस्करण मिलता है तो यह आपके गंभीर डेंगू (डेंगू रक्तस्रावी बुखार) के जोखिम को कम कर सकता है।

    यदि आपको पहले कभी डेंगू नहीं हुआ है तो टीका लगवाने की अनुशंसा नहीं की जाती है। क्योंकि एक बार डेंगू से संक्रमित होने पर वायरस का दूसरा संस्करण (एंटीबॉडी-निर्भर वृद्धि) मिलने पर आपके बीमार होने की संभावना अधिक हो जाती है, पहली बार डेंगू होने से पहले टीका लगवाने से गंभीर डेंगू का खतरा बढ़ सकता है। आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता पिछले डेंगू संक्रमण के लक्षणों की जांच करने के लिए रक्त परीक्षण करेगा ताकि यह पुष्टि हो सके कि टीका लगने से पहले आपको डेंगू हुआ था।

    यह समझने के लिए कि क्या आप डेंगू टीकाकरण के लिए पात्र हैं, अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें।