दिल्ली दंगा: पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन कोमिली जमानत

दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को एक मामले में जमानत दे दी है। एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल ने कहा कि सभी एफआईआर में कई गवाह समान हैं और हाई कोर्ट ने ताहिर को दो मामलों में जमानत देते समय मामले के गुण दोषों पर विचार किया था।

जमानत मिलने के बावजूद ताहिर हुसैन जेल से नहीं निकल पाएगा। उसके खिलाफ दिल्ली दंगों के दूसरे मामलों समेत दंगों की बड़ी साजिश रचने का मामला दर्ज है, जिसमें वो न्यायिक हिरासत में है। इससे पहले 12 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने ताहिर हुसैन को पांच मामलों में जमानत देने का आदेश दिया था।

कड़कड़डूमा कोर्ट ने 21 अगस्त, 2020 को ताहिर हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज एफआईआर में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में ताहिर हुसैन समेत 15 लोगों को नामजद किया गया है। चार्जशीट में ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बताया गया है। करीब 1700 पन्नों की इस चार्जशीट में पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम समेत 15 लोगों के नाम हैं। क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि हिंसा के वक्त ताहिर हुसैन अपनी छत पर था। ताहिर हुसैन पर हिंसा की साजिश रचने का आरोप है। चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसा कराने के लिए ताहिर हुसैन ने एक करोड़ 30 लाख रुपये खर्च किए थे।

ताहिर हुसैन के खिलाफ ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। ताहिर हुसैन के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है। ईडी ने कई स्थानों पर छापा मारा, जिसमें कई दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस मिले। ताहिर हुसैन के पास से व्हाट्स ऐप चैट, फर्जी बिल बरामद किए गए। ईडी ने कहा है कि ताहिर हुसैन ने आपराधिक साजिश रचते हुए कई कंपनियों के खाते से पैसे ट्रांसफर किए। इन पैसों से अपराध को अंजाम दिया गया।