विद्युत गड़बड़ियों को जल्द ठीक करें कर्मचारी, उपभोक्ताओं को न हो परेशानी : ए.के. शर्मा

भीषण गर्मी और उमस के कारण अप्रत्याशित रूप से बिजली की मांग में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। पिछले सारे रिकार्ड को तोड़ते हुए 24 जुलाई को 28284 मेगावाट तक पहुंच गयी है। इस ऐतिहासिक मांग को भी ऊर्जा विभाग ने विद्युत कर्मियों के प्रयासों से सकुशल पूरा किया है। इसके पहले 23 जुलाई को 28043 मेगावाट, 22 जुलाई को 27622 मेगावाट विद्युत मांग को पूरा किया गया है। यह जानकारी प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने सोमवार काे दी।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी में किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए विद्युत कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि विद्युत व्यवधानों को शीघ्र ठीक करें। उन्होंने उपभोक्ताओं से बिजली के संयमपूर्ण उपयोग में सहयोग करने, बिजली के संरक्षण एवं बचत में भी सार्थक सहयोग देने तथा समय से बिलों का भुगतान करने पर बल दिया है, जिससे कि विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए किये जा रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता एवं सक्रियता बहुत जरूरी है। भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाय। कहीं से भी उपभोक्ताओं की शिकायतें आ रही हों, उसका त्वरित संज्ञान लेकर निदान किया जाय। इस समय आंधी-पानी के कारण पेड़ों के गिरने आदि से तथा लोड बढ़ने से तारों के टूटने, जम्फर और फ्यूज के उड़ने से भी विद्युत आपूर्ति में बाधा आ रही है, ऐसी शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेकर आपूर्ति बहाल करें।

ऊर्जा मंत्री ने लाइन लास वाले फीडरों पर विद्युत चोरी रोकने के लिए गहन एवं रेण्डम चेकिंग अभियान चलाने के भी निर्देश दिये हैं। राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान देने तथा बड़े बकायेदारों से वसूली के प्रयास करने को कहा। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल देने को कहा, जिससे कि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो और वे समय से अपना बिल जमा कर सकें, जहां पर भी ओवरलोडिंग की समस्या है। उसकी नियमित जांच की जाय, जिससे ट्रांसफार्मर को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि बरसात में अधिकांशतः खम्बों, लटकते तारों, ट्रांसफार्मर और उसकी सुरक्षा जाली, बाक्सों में करंट उतरने का खतरा होता है, जिससे अक्सर दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इसके लिए सभी अधिकारी अपने क्षेत्रों में ऐसे उपकरणों में करंट उतरने की जांच कराएं तथा उसको तत्काल ठीक कराएं। साथ ही लोगों को ऐसे उपकरणों से दूर रहने के लिए जागरूक भी करें। उन्होंने लो-वोल्टेज एवं ट्रिपिंग की समस्या का समाधान करने तथा अचानक से आने वाले हाई-वोल्टेज को भी नियंत्रित करने का प्रयास करें, जिससे कि उपभोक्ताओं को नुकसान न हो।